श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के विकास का महत्वपूर्ण कार्य महंत श्री गणेशपुरी जी ने अपने समय में शुरू किया जिसे उनके बाद महंत श्री किशोर पुरी जी महाराज ने आगे बढाया| वर्तमान में महंत श्री नरेश पुरी जी महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र का चहुमुखी विकास और विस्तार किया जा रहा है| वर्तमान में किये जा रहे कार्यों को देखकर पिछले कुछ वर्षों में नियमित रूप से आने वाले भक्त और अन्य श्रद्धालुओं के लिए यह एक सुखद आश्चर्य से कम नहीं है|
भारतीय सनातन परंपरा और वैदिक संस्कृति में “गर्भगृह” मंदिर स्थापत्य कला से सम्बद्ध सबसे महत्वपूर्ण शब्द है। गर्भगृह मंदिर का वह भाग है जिसमें देवमूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है। इसके निर्माण का एक पूरा विधान है और भारत के सभी मंदिर इसी के आधार पर बनाये जाते हैं|
इस दृष्टी से श्री मेहंदीपुर बालाजी का गर्भगृह बहुत ही विशेष और चमत्कारी है क्योंकि जिनके नाम और ध्यान से ही समस्त प्रकार की बाधाएं, कष्ट व वास्तु दोष दूर हो जाते हैं ऐसे हमारे श्री बालाजी महाराज लोक कल्याण के लिए दो पहाड़ियों के बीच स्वयं प्रकट हुए और उनके बाल रूप के दर्शन का लाभ भक्त ले रहे हैं|
श्री बालाजी महाराज का गर्भगृह दिखने में बहुत ही आकर्षक है| बालाजी महाराज की दिव्य शक्तियों से ऊर्जित है और भक्तों को यहां बहुत सकारात्मकता व सुरक्षा महसूस होती है| लोगों के ज्ञात-अज्ञात सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करने की दैवीय शक्तियों की कृपा के कारण यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है इसीलिए सैकड़ों वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में श्री बालाजी महाराज की अनन्य आस्था बनी हुई है|
पिछले कई वर्षों से श्री मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है| भक्तों और श्रद्धालुओं की सुविधा और उनके द्वारा श्री बालाजी दरबार के सुगम दर्शन को ध्यान में रखते हुए मंदिर ट्रस्ट निरंतर मंदिर प्रांगण को विकसित करता रहा है|
१००८ श्री नरेश पुरी जी महाराज के महंत पद पर आसीन होने के बाद से मंदिर प्रांगण और मंदिर के आस-पास के क्षेत्र का चहुमुखी विकास व विस्तार कार्य शुरू हुआ है| भक्तों की बढ़ती संख्या, उनकी सुविधा व सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए मंदिर में किये जा रहे कुछ प्रमुख विकास कार्यों में शामिल हैं:
सुबह की आरती | 6.00 बजे से 6.40 तक |
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प्रात: कालीन दर्शन | 7.00 बजे से 11.00 बजे तक |
श्री बालाजी को राजभोग | 11.30 AM से 12.00 PM तक |
दोपहर के दर्शन | 12.00 बजे से 6.50 तक(नोट: सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को श्री बालाजी के विशेष श्रृंगार (चोला चढाने) हेतु सांय 4:00 बजे से 6:00 बजे तक दर्शन बंद रहते हैं|) |
शाम की आरती | 6.50 से 7.30 तक |
मंदिर के कपाट बंद होने का समय | रात्रि 9.00 बजे |
* विशेष परिस्थितयो और समय समय पर मंदिर प्रबंधन के आदेशानुसार इस समय सूची में बदलाव कर सकता हैं जिसकी सुचना मंदिर परिसर में माइक द्वारा दी जाती हैं |