श्री बालाजी मंदिर में दिनचर्या प्रतिदिन प्रातः पांच बजे मंदिर के द्वार और गर्भगृह के कपाट खुलने के साथ शुरू होती है। बड़ी संख्या में मंदिर के सेवक, कर्मचारी और सफाई कर्मी मंदिर खुलने के पहले से ही मंदिर की साफ़-सफाई और व्यवस्था में जुट जाते हैं|
प्रातः 6.00 बजे से 6.40 तक प्रात: कालीन आरती होती है| यहाँ भक्तों का आना तो सुबह 4:00 – 5:00 बजे से ही शुरू हो जाता है और वह श्री बालाजी मंदिर के मुख्य द्वार के सामने एकत्र होना शुरू कर देते हैं| दैनिक रूप से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं में श्री बालाजी के प्रति असीम श्रद्धा, विश्वास और उनका भाव बहुत दर्शनीय होता है|
फिर 7:00 बजे से प्रातः काल के दर्शन शरू होते हैं| मंदिर गेट पर और मंदिर प्रांगण में मौजूद सुरक्षा-कर्मी भक्तों के लिए सुरक्षित व सुगम दर्शन को सुनिश्चित करते हैं| इस प्रकार यह दर्शन 11:00 बजे तक सतत रूप से जारी रहते है।
प्रातः 11.30 से 11 .45 के दौरान श्री बालाजी को राज – भोग लगाया जाता है। इसके बाद 12:00 बजे से पुनः भक्तों के लिए दर्शनों का सिलसिला प्रारम्भ हो जाता है।
सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को श्री बालाजी का विशेष श्रृंगार चांदी और सोने के वर्क द्वारा किया जाता है। इस दौरान सांय 4:00 बजे से 6:00 बजे के बीच दर्शन बंद रहते हैं|
शीतकालीन संध्या आरती का समय 6.00 बजे से 6.40 बजे तक होता है और मंदिर के कपाट रात्रि 8.00 बजे बंद हो जाते हैं।