महंत परंपरा

 

video

महंत 1008 श्री डॉ. नरेशपुरी जी महाराज

परम श्रद्धेय महंत डॉ .नरेश पुरी जी ने ब्रह्मलीन महंत १००८ श्री किशोर पुरी जी महाराज से गुरु दीक्षा लेकर अपने परम पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में गत ४ दशकों तक श्री बालाजी महाराज जी की सेवा की एवं अन्य जनकल्याण के कार्यों में पूरे सेवा भाव और समर्पण के साथ निरंतर सहभागिता निभाई |

महंत १००८ श्री किशोर पुरी जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर, जनकल्याण को समर्पित, परम श्रद्धेय महंत श्री 1008 डॉ.  नरेशपुरी जी महाराज, ने श्री बालाजी महाराज ट्रस्ट का कार्यभार 21 अगस्त 2021 को विधिवत रुप से ग्रहण किया | श्री बालाजी महाराज के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से महंत श्री महाराज, सेवा , शिक्षा, चिकित्सा, समाज उत्थान और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास जैसे अनेकानेक विकास कार्यों को निरंतर रूप से सम्पादित कर रहे हैं।

अभूतपूर्व सेवा कार्यों के लिए महाराज श्री को मिले भारत गौरव सम्मान, संत शिरोमणि अलंकरण, डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी आपके जनकल्याणकारी कार्यों का एक छोटा सा प्रमाण है। बालाजी भक्तो का सर तब गर्व से ऊंचा हुआ, जब महाराज श्री द्वारा ब्रिटिश संसद में मेहंदीपुर बालाजी की ध्वज पताका फहराई गई और वहाँ महाराज श्री की अगुवाई में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया। इसके लिए वर्ल्ड बुक एवम ऑक्सफोर्ड बुक के रिकॉर्ड से मेहंदीपुर बालाजी धाम का विश्व पटल पर नाम दर्ज हुआ हैं।आपको राजस्थान के तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा जयपुर में यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया है|

 

गत वर्षो में महंत श्री महाराज के दिशा निर्देशन में किये गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य जैसे श्री राधाकृष्ण मंदिर स्थापना एवं विशाल एवं भव्य भागवत कथा, सीताराम मंदिर का भव्य नवीनीकरण, आस पास के मंदिरों में जीर्णोद्धार का कार्य,  शैक्षिक विस्तार के क्रम में नि :शुल्क स्कूल, कॉलेज के अतरिक्त पीजीडीसीए कॉलेज एवम इंग्लिश मीडियम स्कूल स्थापना, संस्कृत नि:शुल्क शिक्षा , वैदिक अनुष्ठान, विशाल एवम भव्य भागवत कथा, हरिद्वार में पार्थिवेश्वर पूजा, राष्ट्रीय संत सम्मेलन, मंदिर में भक्तो को भोजन प्रसादी, साफ सफाई व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन, मंदिर में डिजिटल पेमेंट व्यवस्था, मंदिर परिसर का वातानुकूलन, मंदिर की आवश्यक सुविधाओं और सुरक्षा मापदंडों में वृद्धि, बेजुबान जानवरो के लिए दौसा पशु चिकत्सालय में प्रयोगशाला उपकरण व्यवस्था, दौसा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर प्रदान करने जैसे परमार्थ कार्य आपकी सेवा परमो धर्म के अद्वितीय भाव को दर्शाते हैं।

वर्तमान में ट्रस्ट द्वारा समाधिस्थल का पुनर्निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण, स्कूल एवं पीजी कॉलेज औरहॉस्पिटल का नवीनीकरण कार्य भी कराया जा रहा हैं| कर्मचारियों के आवास निर्माण का कार्य भी प्रगति पर हैं| श्री बालाजी महाराज के भवन का एलिवेशन कार्य भी प्रगति पर हैं | इससे न केवल बालाजी धाम की जय जयकार हुई है, अपितु यह कार्य संपूर्ण समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

img
इन अभूतपूर्व कार्यों के लिए महाराज श्री को मिले भारत गौरव सम्मान, संत शिरोमणि अलंकरण, डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी आपके जनकल्याणकारी कार्यों का एक छोटा सा प्रमाण है। बालाजी भक्तो का सर तब गर्व से ऊंचा हुआ, जब आप द्वारा ब्रिटिश संसद में मेहंदीपुर बालाजी की ध्वज पताका फहराई गई और वहा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया। इसके लिए वर्ल्ड बुक एवम ऑक्सफोर्ड बुक के रिकॉर्ड से मेहंदीपुर बालाजी धाम का विश्व पटल पर नाम दर्ज हुआ हैं।आपको राजस्थान के शिक्षा मंत्री द्वारा जयपुर में यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया है|

ब्रम्हलीन महंत १००८ श्री गणेश पुरी जी एक तपस्वी, सिद्ध पुरुष एवं एक महान संत थे| पहाड़ी अंचल तथा जंगली जानवरों से भरे इस वन्य क्षेत्र में स्थित इस मंदिर में प्राचीन समय से ही महंत परिवार की पीढ़ियों द्वारा लगातार पूजा अर्चना होती आ रही थी| लेकिन श्री गणेश पुरी जी ने अपनी दूरदर्शितापूर्ण सोच से आने वाले समय की आवश्यकताओं और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर के नव-निर्माण की नींव रखी| तब से ही समय समय पर श्री बालाजी मंदिर के विकास व विस्तार का कार्य किया जाता रहा है|

महाराज जी का भक्त वात्सल्य भी अद्भुत था| जब साधन-सुविधाओं के बारे में कोई भी कुछ सोच विचार या अपेक्षा नहीं करता था तब भी उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके आने जाने के मार्ग और सार्वजनिक व सामाजिक सुविधाओं के विकास पर बहुत बल दिया और उनका निर्माण शुरू करवाया।

महाराज जी ने मंदिर के सहयोग से एक संस्कृत पाठशाला प्रारम्भ की| जिसके माध्यम से संस्कृत के अनेक वेदज्ञ विद्वान तैयार हुए और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवायें प्रदान की| महाराज जी का यह कदम मील का पत्थर साबित हुआ और आज अनेक शिक्षा संस्थाएं स्थापित की जा चुकी हैं|

img

ऐसे अनेक सामाजी व धार्मिक कार्यों साथ ही श्री गणेश पुरी जी महाराज बेजुबान जानवरों का भी स्वयं बहुत ध्यान रखते थे| उन्होंने इसे सेवा कार्य को मंदिर व्यवस्था का हिस्सा ही बना दिया| इसके लिए उन्होंने जीव-जंतुओं के भोजन की व्यवस्था, चीटीचुग्गा, मोर चुग्गा आदि की व्यवस्था की |

ब्रम्हलीन महंत १००८ श्री गणेश पुरी जी महाराज ने सन 1965 में मंदिर के कार्यभार तथा प्रबंधन की व्यवस्था का दायित्व महंत १००८ श्री किशोरपुरी जी को सौंप दिया था।

ब्रम्हलीन महंत १००८ श्री गणेश पुरी जी महाराज ने सन 1965 में मंदिर के कार्यभार तथा प्रबंधन की व्यवस्था का दायित्व महंत १००८ श्री किशोर पुरी जी को सौंप दिया था। किशोर पुरी जी महाराज धर्म, दर्शन और अध्यात्म के प्रकांड पंडित थे तथा वेद एवं पुराण के अच्छे ज्ञाता एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
किशोर पुरी जी महाराज का मानना था, कि सभी को अपनी बेटियों को अवश्य ही पढ़ाना चाहिए। महाराज जी ने नारी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में बालिकाओं के लिए स्कूल व कॉलेज स्थापित किये| साथ ही इन प्रयासों से बालिकाओं व उनके परिवारों को जोड़ने के लिए छात्रावास, भोजन, गणवेश एवं पुस्तकों आदि की पूर्णतया निशुल्क व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई|

महाराज जी की इस व्यापक सोच और समग्र प्रयास के बहुत अच्छे परिणाम आये| इससे इस क्षेत्र की बालिकाओं को आगे बढ़ने और अपनी योग्यताओं को विकसित करने और आगे बढ़ने का सम्पूर्ण अवसर व माहौल मिला|

img

महाराज जी का मानव कल्याण, विशेषकर बालिका तथा महिलाओं के कल्याण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा और सांस्कृतिक विकास में विशेष योगदान रहा है।

पूज्य महंत श्री किशोर पुरी जी महाराज ने अपने जीवन काल में ही शिष्य श्री नरेश पुरी जी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया कर दिया था।

Translate »