किसी भी देश की प्रगति में शिक्षित प्रतिशत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि देश की प्रगति का अनुपात और शिक्षित लोगों का अनुपात हमेशा परस्पर निर्भर रहता है। भारत के पिछड़ेपन का एक मुख्य कारण यह है कि शिक्षा पर कुछ लोगों ने अपना आधिपत्य जमा रखा है। गांवों में शिक्षा के दीपक की रोशनी अभी भी धुंधली है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही शिक्षा में संस्कृत जैसी उत्कृष्ट भाषा और कम्प्यूटर शिक्षा का विशेष स्थान होना चाहिए।
ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
गांवों में बीमारियों और दुर्घटनाओं की स्थिति में समय पर उचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई बच्चे अकाल मृत्यु का शिकार भी हो जाते हैं।
ट्रस्ट द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत सारे कार्य कर रहे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
अध्यात्म का संबंध जीवन के आंतरिक पक्ष से है और धर्म का संबंध जीवन के बाहरी पक्ष से है। धर्म हमारे आचरण का आधार है तो अध्यात्म हमारे जीवन का प्रकाश है। धर्म का पालन करके हम जीवन को बहुत ही खूबसूरती से जी सकते हैं, तो अध्यात्म का पालन करके हम भगवान को भी प्राप्त कर सकते हैं और जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और आवागमन के बंधन से मुक्त हो सकते हैं।
ट्रस्ट द्वारा इस क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य किये जा रहे हैं:
सामाजिक कार्य परोपकारी और लोकतांत्रिक आदर्शों से विकसित हुआ है और इसके नैतिक मूल्य सभी व्यक्तियों की समानता, मूल्य और गरिमा के सम्मान पर आधारित हैं। महंत महाराज द्वारा समाज में फैली बाधाओं, असमानता एवं अन्याय को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को व्यक्तित्व विकसित करने, उनके जीवन को समृद्ध बनाने और बुराई को रोकने में मदद करना है।
ट्रस्ट समाज कल्याण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है, जो इस प्रकार हैं:
भारत अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण तत्व अच्छे संस्कार, नैतिकता, विचार, धार्मिक अनुष्ठान और नैतिक मूल्य आदि हैं। इसे सुदृढ़ एवं विकसित करने के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं तथा प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया जाता है।
हम खेल को लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से किसी भी प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधि के रूप में कह सकते हैं। यह किसी की शारीरिक क्षमताओं और कौशल को सुधारने और बनाए रखने में मदद करता है।
इस क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य किये जा रहे हैं:
विश्व के वर्तमान परिवेश की सबसे विकट परिस्थिति में पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक पर्यावरण खतरे में पड़ गया है। पृथ्वी को इस संकट से बचाने और स्थानीय स्तर पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण की रक्षा करने की बहुत आवश्यकता है।
अतः महंत श्री नरेश पुरी महाराज द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: