जनसेवा कार्य

किसी भी देश की प्रगति में शिक्षित प्रतिशत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि देश की प्रगति का अनुपात और शिक्षित लोगों का अनुपात हमेशा परस्पर निर्भर रहता है। भारत के पिछड़ेपन का एक मुख्य कारण यह है कि शिक्षा पर कुछ लोगों ने अपना आधिपत्य जमा रखा है। गांवों में शिक्षा के दीपक की रोशनी अभी भी धुंधली है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही शिक्षा में संस्कृत जैसी उत्कृष्ट भाषा और कम्प्यूटर शिक्षा का विशेष स्थान होना चाहिए।

ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:

  • समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ट्रस्ट द्वारा बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों की बालिकाओं को प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक एवं स्नातक से स्नातकोत्तर स्तर तक की शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जा रही है, ताकि महिलाएं भी आगे बढ़ सकें। विकास की मुख्य धारा में शामिल किया जाए।
  • इसके साथ ही ट्रस्ट द्वारा महिलाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए बीसीए कोर्स भी पूर्णतः निःशुल्क संचालित किया जा रहा है ताकि डिजिटल इंडिया मिशन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
  • हिंदुत्व एवं वैदिक सभ्यता के पुनर्निर्माण हेतु ट्रस्ट द्वारा महिलाओं को संस्कृत में स्नातक शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
  • आज की आवश्यकताओ को ध्यान में रखते हुए महाराज जी द्वारा सहशिक्षा अंग्रेजी माध्यम विद्यालय भी प्रारंभ किया गया हैं |
  • ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती बालिकाओं को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट द्वारा बालिकाओं के लिए सात्विक भोजन, छात्रावास एवं गणवेश पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • वर्तमान में पिछले कई दशकों से हजारों लड़कियाँ ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनकर समाज के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
  • ट्रस्ट द्वारा दौसा, करौली, अलवर, सवाईमाधोपुर, जयपुर आदि के सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों के भवनों का निर्माण कराया गया है तथा मरम्मत आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
  • ट्रस्ट की ओर से राज्य के दौसा, करौली, अलवर, सवाईमाधोपुर, जयपुर आदि कई जिलों में शिक्षण संस्थानों को कंप्यूटर, पेयजल मशीनें, जर्सी, शिक्षण सामग्री, रेनकोट और शिक्षक, पैंट शर्ट, साड़ी, शॉल आदि वितरित किए गए हैं।

गांवों में बीमारियों और दुर्घटनाओं की स्थिति में समय पर उचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई बच्चे अकाल मृत्यु का शिकार भी हो जाते हैं।

ट्रस्ट द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत सारे कार्य कर रहे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

  • ट्रस्ट द्वारा 150 बिस्तरों की क्षमता वाला महंत किशोरपुरी अस्पताल संचालित कर ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क जांच एवं उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित कर योग्य एवं अनुभवी चिकित्सकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
  • ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर विभिन्न जिलों के अस्पतालों; दौसा, करौली, अलवर, सवाईमाधोपुर, जयपुर आदि अस्पतालों को चिकित्सा वाहन, परीक्षण मशीनें, बिस्तर आदि देकर मदद की जा रही है।

अध्यात्म का संबंध जीवन के आंतरिक पक्ष से है और धर्म का संबंध जीवन के बाहरी पक्ष से है। धर्म हमारे आचरण का आधार है तो अध्यात्म हमारे जीवन का प्रकाश है। धर्म का पालन करके हम जीवन को बहुत ही खूबसूरती से जी सकते हैं, तो अध्यात्म का पालन करके हम भगवान को भी प्राप्त कर सकते हैं और जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और आवागमन के बंधन से मुक्त हो सकते हैं।

ट्रस्ट द्वारा इस क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य किये जा रहे हैं:

  • जन-जन की आस्था के प्रतीक श्री राधाकृष्ण की प्रतिमा को महायोगेश्वर के रूप में महंत श्री नरेशपुरी जी महाराज ने 28 जनवरी 2023 को विधिवत स्थापित किया।
  • सनातन संस्कृति के माध्यम से समाज को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए ट्रस्ट द्वारा विशाल एवं भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से आये साधु-संतों सहित लाखों लोगों ने महापुराण का श्रवण किया।
  • विश्व कल्याण के लिए ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान एवं महायज्ञ का आयोजन किया जाता है।
  • ट्रस्ट हिंदुत्व और वैदिक सभ्यता के प्रचार-प्रसार के लिए महिलाओं को संस्कृत की शिक्षा देकर नई पीढ़ी की नींव मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
  • विश्व कल्याण के लिए एक ट्रस्ट द्वारा हरिद्वार में एक माह की ‘पर्थिवेश्वर पूजा’ और ‘108 श्रीमद् भागवत मूल पाठ’ का आयोजन किया गया है।
  • हरिद्वार के महानिर्वाणी अखाड़े में 1000 से अधिक साधु-संतों का सम्मेलन हुआ है।
  • ब्रिटिश पार्लियामेंट में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ कर विश्व रिकॉर्ड बनाया |

सामाजिक कार्य परोपकारी और लोकतांत्रिक आदर्शों से विकसित हुआ है और इसके नैतिक मूल्य सभी व्यक्तियों की समानता, मूल्य और गरिमा के सम्मान पर आधारित हैं। महंत महाराज द्वारा समाज में फैली बाधाओं, असमानता एवं अन्याय को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को व्यक्तित्व विकसित करने, उनके जीवन को समृद्ध बनाने और बुराई को रोकने में मदद करना है।

ट्रस्ट समाज कल्याण के क्षेत्र में भी कार्य कर रहा है, जो इस प्रकार हैं:

  • वर्तमान में, ट्रस्ट मंदिर परिसर में सभी भक्तों को दैनिक दोपहर का भोजन पैकेट में वितरित कर रहा है।
  • राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की तर्ज पर ट्रस्ट द्वारा बालिकाओं को स्कूल जाने के लिए निःशुल्क शिक्षा, साइकिल वितरण आदि कार्य किये जा रहे हैं।
  • कोरोना से लेकर पूर्व तक ट्रस्ट की ओर से राजस्थान के कई जिलों के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के रूप में रोजाना 18000 से ज्यादा लड्डुओं का वितरण किया गया है.
  • ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले जनसेवा शिविरों के माध्यम से गरीबों को आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही है।
  • ट्रस्ट द्वारा वृद्धाश्रम, अनाथालय आदि को आवश्यक वस्तुओं एवं सहयोग राशि से मदद की जा रही है।
  • ट्रस्ट द्वारा दिव्यांगों के लिए ट्राई साइकिल एवं श्रवण यंत्र एवं आवश्यक उपकरण आदि निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं।
  • ट्रस्ट सामाजिक सरोकार के अनुरूप देश एवं प्रदेश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ सहायता भी प्रदान करता रहा है।
  • प्रदेश की विभिन्न गौशालाओं में हरे एवं सूखे चारे तथा पशु चिकित्सा आदि के लिए सहायता राशि दी जा रही है।
  • दौसा पशु चिकित्सालय में Xray मशीन एवं अन्य प्रयोगशाला उपकरणों की सहायता
  • दौसा जिला प्रशासन ने एनीमिक महिलाओं और कुपोषित बच्चों के मॉनिटरिंग के लिए वेबसाइट और एप्लिकेशन की विकास में सहायता प्रदान की है।

भारत अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण तत्व अच्छे संस्कार, नैतिकता, विचार, धार्मिक अनुष्ठान और नैतिक मूल्य आदि हैं। इसे सुदृढ़ एवं विकसित करने के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं तथा प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया जाता है।

हम खेल को लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से किसी भी प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधि के रूप में कह सकते हैं। यह किसी की शारीरिक क्षमताओं और कौशल को सुधारने और बनाए रखने में मदद करता है।

इस क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य किये जा रहे हैं:

  • देश एवं प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता एवं आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं।
  • ट्रस्ट समय-समय पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली कलाकारों को प्रतिभा पुरस्कार देकर उनका मनोबल बढ़ा रहा है।
  • ट्रस्ट द्वारा जयपुर के एक विश्वविध्यालय में स्पोर्ट्स क्लब का निर्माण कार्य कराया गया |

विश्व के वर्तमान परिवेश की सबसे विकट परिस्थिति में पृथ्वी पर जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक पर्यावरण खतरे में पड़ गया है। पृथ्वी को इस संकट से बचाने और स्थानीय स्तर पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण की रक्षा करने की बहुत आवश्यकता है।

अतः महंत श्री नरेश पुरी महाराज द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • राज्य में बढ़ता शहरीकरण और घटते जंगल जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण कारण हैं, इसलिए ट्रस्ट हर साल पौधे लगाकर और साल भर उनकी देखभाल करके पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • राज्य में घटते जल स्तर की समस्या के समाधान हेतु जल संचयन संरचना हेतु ट्रस्ट द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
  • ट्रस्ट द्वारा अपने सभी संस्थानों में सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। हाल ही में ट्रस्ट द्वारा बालाजी मोड़ से मंदिर तक सौर ऊर्जा संचालित रोड लाइटें लगाई गई हैं।
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